Topic:- वेबसंगोष्ठी: हिंदी-व्यंग्य-परम्पराऔरहरिशंकरपरसाई
Venue:- वर्चुअलप्लेटफार्म
Duration:- ( one/two/three days) एकदिवसीय
Date:- 21.8. 2020
No of Recourse person:- 03
No. of participant:- 324
Objectives:- वेब संगोष्ठी का उद्देश्य हिंदी के व्यंग्य साहित्य और हरिशंकर परसाई के रचना.संसार को समझने की दृष्टि विकसित करना है।
Details about Programme :- ( maximum150 words)
वेबिनार के विषय विशेषज्ञों ने हरिशंकर परसाई के साहित्य के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। दिल्ली के डॉण् रमेश तिवारी ने कहा कि परसाई जी के व्यंग्य को हास्य तथा भावुकता से मुक्त कराया और उसे व्यापक सामाजिक सरोकारों से जोड़ा। खंडवा ;मध्यप्रदेशद्ध के व्यंग्यकार श्री कैलाश मंडलेकर ने कहा कि परसाई जी ने सांप्रदायिकताए जातिवाद आदि सामाजिक बुराइयों पर प्रहार किए। प्रख्यात व्यंग्यकार विनोद साव ने कहा कि कबीर हिंदी के पहले व्यंग्यकार थे। परसाई जी उसी परंपरा से जुड़े थे। प्राचार्य डॉ आरएन सिंह ने कहा कि परसाई जी ने व्यापक पाठक वर्ग तैयार किया।
Outcome:- इस वेबिनार के माध्यम से प्रतिभागियों में हिंदी व्यंग्य साहित्य के प्रति अभिरुचि और जागरूकता विकसित हुई।
Photograph: - (only six)