साइंस कालेज में विष्व मृदा दिवस पर कार्यशाला मिट्टी भी सांस लेती है. अभिषेक कुमार आडिल

 
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विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर के उपलक्ष्य में शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग रसायन विभाग की ओर से छात्र-छात्राओं में साइंस के प्रति रूझान को प्रोत्साहित करने हेतु मृदा परीक्षण पर एक दिवसीय कार्यषाला आयोजित की गयी। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ. एम. ए. सिद्दीकी ने कार्यशाला के आरंभ में उपस्थित विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन काल में परंपरागत खेती के दौरान जमीन की उर्वरता को संरक्षित रखा जाता था। वर्तमान में तकनीकी युग में मृदा में उपस्थित सभी तत्वों की प्रतिशत मात्रा ज्ञात करके हम उसके अनुरूप मृदा को उपचारित करने के साथ-साथ उपयुक्त पैदावार कर सकते है। डाॅ. सिद्दीकी ने कहा कि अंधाधुंध उर्वरकों एवं हानिकारक फर्टिलाइजर के प्रयोग से मृदा को होने वाली हानियों से बचाने की नितांत आवश्यकता है। इस कार्य हेतु उचित तकनीकों का उपयोग लाभप्रद होगा। उन्होंने कार्यशाला के प्रतिभागियों से आग्रह किया कि कार्यषाला के दौरान प्राप्त जानकारी को अपने-अपने अंचलों में जाकर कृषकों एवं अन्य संबंधित जनों के बीच प्रसारित करें तभी यह कार्यशाला सही अर्थो में सफल सिध्द होगी। डाॅ. सिद्दीकी ने रसायन शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला को छात्र-छात्राओं के लिए व्यवहारिक रूप से उपयोगी निरूपित करते हुए अन्य विभागों के लिए भी इसे अनुकरणीय बताया।