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भूगर्भशास्त्र के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनायें है। विद्यार्थियों को ईमानदारी से अध्ययन कर भूगर्भशास्त्र से संबंधित विभिन्न संस्थानों में रोजगार हेतु प्रयत्न करना चाहिए। ये उद्गार डाॅ. हरि सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर के भूगर्भशास्त्र विषय के प्रोफेसर अरूण कुमार शांडिल्य ने आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा श्भूगर्भशास्त्र और रोजगार की संभावनायेंश् विषय पर आधारित आमंत्रित व्याख्यान में बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। डाॅ. शांडिल्य ने कहा कि भूगर्भशास्त्र के अध्ययन के दौरान विद्यार्थी पृथ्वी की आतंरिक एवं बाह्य संरचनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त करता है। साथ ही साथ पृथ्वी में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के खनिज, चट्टानें, जीवाष्म आदि की जानकारी भी भूविज्ञान में समाहित होती है। श्री शांडिल्य ने भूगर्भशास्त्र के विद्यार्थियों को रोजगार से संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा प्रतिवर्ष भूवैज्ञानिकों के पद हेतु अखिल भारतीय स्तर पर विज्ञापन निकलता है तथा इसमें चयनित विद्यार्थी केन्द्र सरकार के प्रथम श्रेणी के अधिकारी होते है। इसके अतिरिक्त सेन्ट्रल गाउण्ड वाटर बोर्ड द्वारा भी प्रतिवर्ष हाइड्रोजियोलाॅजिस्ट के पदों पर भर्ती की जाती है। डाॅ. शांडिल्य के अनुसार कोल इंडिया, ओएनजीसी, एम.ई.सी.एल., आदि ऐेसे संस्थान है जहां भूवैज्ञानिकों के भर्ती के पर्याप्त अवसर उपलब्ध है। राज्य स्तर पर माइनिंग इंस्पेक्टर तथा खनिज अधिकारी एवं सहायक भौमिकी विद के पदों पर निरंतर भर्ती होने संबंधी जानकारी भी डाॅ. शांडिल्य ने विद्यार्थियों को दी। डाॅ. शांडिल्य के व्याख्यान के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया।