भूगर्भषास्त्र के एलुमनी विद्यार्थियों ने वर्तमान विद्यार्थियों हेतु आयोजित किया माइनिंग इंस्पेक्टर परीक्षा का माॅक टेस्ट

 
भूगर्भषास्त्र के एलुमनी विद्यार्थियों ने वर्तमान विद्यार्थियों हेतु आयोजित किया माइनिंग इंस्पेक्टर परीक्षा का माॅक टेस्ट 

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के भूगर्भषास्त्र विभाग के एलुमनी विद्यार्थी ने वर्तमान में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों हेतु आगामी महीने में आयोजित होने वाली माइनिंग इंस्पेक्टर परीक्षा की तैयारी के लिये अवकाष के दिन माॅक टेस्ट आयोजित किया। इस टेस्ट के आयोजन में जियोलाॅजी एवं माइनिंग विभाग में पदस्थ श्री मनदीप सिंह की उल्लेखनीय भूमिका रही। यह जानकारी देते हुए भूगर्भषास्त्र के विभागाध्यक्ष डाॅ. एस.डी. देषमुख ने बताया कि इस माॅक टेस्ट परीक्षा में न केवल साईंस कालेज, दुर्ग बल्कि साईंस कालेज, रायपुर, एन.आई.टी. रायपुर के विद्यार्थी भी शामिल हुये। 
भूगर्भषास्त्र के सहायक प्राध्यापक डाॅ. प्रषांत श्रीवास्तव ने बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अजय कुमार सिंह के मार्गदर्षन में वर्तमान विद्यार्थियों के हित में एलुमनी विद्यार्थियों द्वारा अनेक सराहनीय गतिविधियां आयोजित की जा रही है। आज आयोजित माॅक टेस्ट के दौरान प्राचार्य डाॅ. अजय कुमार सिंह भी उपस्थित थे, उन्होंने भूगर्भषास्त्र के भूतपूर्व विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे अनुकरणीय एवं अभूतपूर्व सहयोग के लिये सभी की प्रषंसा करते हुये कहा कि अन्य विभागों को भी विद्यार्थियों के हित में इस प्रकार की गतिविधियां आयोजित करनी चाहिये। डाॅ. श्रीवास्तव के अनुसार आज आयोजित माइनिंग इंस्पेक्टर हेतु 3 घंटे के माॅक टेस्ट में कुल 100 प्रष्न पूछे गये जो, कि सामान्य अध्ययन, छत्तीसगढ़ पर आधारित प्रष्न तथा जियोलाॅजी एवं माइनिंग विषय से संबंधित थे। टेस्ट में प्रविष्ट होने वाले सभी प्रतिभागियों ने एलुमिनी विद्यार्थी मनदीप सिंह के प्रयास की सराहना करते हुये बताया कि आज माॅक टेस्ट देने के बाद उनके आत्म विष्वास एवं ज्ञान में वृध्दि हुई है। यह जब वास्तव में लोक सेवा आयोग द्वारा माइनिंग इंस्पेक्टर की परीक्षा आयोजित की जायेगी तब हम सभी को सहायता होगी। इस माॅक टेस्ट के आयोजन के लिये सभी ने महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अजय सिंह एवं भूगर्भषास्त्र विभाग को धन्यवाद दिया। माॅक टेस्ट के आयोजन में डाॅ. विकास स्वर्णकार एवं श्री दिनेष मिश्रा का उल्लेखनीय योगदान रहा।