साइंस कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम बोडेगांव में चल रहे विशेष शिविर के अंतर्गत परियोजना एवं बौद्धिक सत्र का आयोजन

 
साइंस कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम बोडेगांव में चल रहे विशेष शिविर के अंतर्गत परियोजना एवं बौद्धिक सत्र का आयोजन


ग्राम बोडेगांव में  शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS)  छात्र इकाई द्वारा संचालित विशेष शिविर के पंचम दिवस के अंतर्गत योग एवं मेडिटेशन पर केंद्रित सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में डॉ. अनिल मिश्रा (वरिष्ठ प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग) एवं डॉ. श्रीनिवास देशमुख (विभागाध्यक्ष, भूगर्भशास्त्र) बतौर अतिथि उपस्थित रहे। डॉ. मिश्रा ने प्रार्थना एवं अध्यात्म के महत्व को समझाते हुए कहा कि, "योग और ध्यान न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक शांति एवं आत्मअनुशासन का भी विकास करते हैं। NSS के स्वयंसेवकों को सेवा कार्यों में संलग्न रहने के साथ-साथ आत्मचिंतन पर भी ध्यान देना चाहिए, जिससे वे बेहतर नागरिक बन सकें।" वहीं, डॉ. देशमुख ने पिछले तीन दिनों की गतिविधियों का सार प्रस्तुत किया और स्वयंसेवकों को उनके योगदान के लिए सराहा। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी श्री तरुण साहू एवं प्राध्यापक निखिल देशलहरा ने अतिथियों को स्मृतिचिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इसके पश्चात, परियोजना कार्य के अंतर्गत स्वयंसेवकों ने माता शीतला मंदिर एवं जैतखाम परिसर की सफाई की तथा स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से गली-मोहल्लों में नारा लेखन का कार्य किया। ग्रामीणों ने भी इस पहल की सराहना की और सहयोग प्रदान किया।
द्वितीय सत्र में बौद्धिक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. अरविंद शुक्ला (सेवानिवृत्त प्राध्यापक, राजनीतिशास्त्र), डॉ. अमृतेश शुक्ला (सहायक प्राध्यापक, राजनीतिशास्त्र) एवं दाऊ मंदराजी सम्मान से सम्मानित छत्तीसगढ़ी लोककलाकार श्री अजय उमरे ने स्वयंसेवकों को प्रेरणादायक विचारों से संबोधित किया। डॉ. अरविंद शुक्ला ने कहा कि, "युवा शक्ति ही समाज में बदलाव लाने का सबसे बड़ा कारक है। यदि युवा जागरूक हों और अपने कर्तव्यों को समझें, तो देश प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू सकता है।" वहीं, डॉ. अमृतेश शुक्ला ने राजनीतिक जागरूकता एवं नेतृत्व क्षमता पर बल दिया। लोककलाकार श्री अजय उमरे ने लोकसंस्कृति के संरक्षण का संदेश देते हुए छत्तीसगढ़ी संस्कृति की विशेषताओं को प्रस्तुत किया। अंत में, कार्यक्रम अधिकारी श्री तरुण साहू द्वारा सभी अतिथियों को स्मृतिचिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में स्वयंसेवकों के विभिन्न समूह - जगन्नाथ समूह, अमरनाथ समूह, सोमनाथ समूह, अयोध्या समूह और वैष्णो देवी समूह ने ग्रामीणों से संपर्क कर संवाद स्थापित किया और विभिन्न सामाजिक विषयों पर चर्चा की। इस गतिविधि के माध्यम से ग्रामीणों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। इस सफल आयोजन से स्वयंसेवकों एवं ग्रामीणों के बीच समरसता और सामाजिक सहयोग की भावना प्रबल हुई, जिससे NSS शिविर के उद्देश्यों को बल मिला। मंच संचालन स्वयंसेवक पोखराज के द्वारा बड़ी कुशलता के साथ किया गया , जिसकी सराहना ग्रामवासियों के साथ साथ अतिथियों के द्वारा भी किया गया। वरिष्ठ स्वयंसेवक मोरध्वज, सतएक, दलनायक ऋतिक, उपदलनायक द्रविन और मिनेश के नेतृत्व में दीपांकर, समीर, घनश्याम, तोषण, टुकेश्वर,किशन आदि सभी स्वयंसेवकों ने बड़ी सक्रियता से पंचम दिवस के कार्यक्रम को सफल बनाया।