शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के हिंदी विभाग द्वारा रूसा योजना अंतर्गत व्याख्यानमाला का सतत आयोजन किया जा रहा है इसी कडी में छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य विषय में व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसके वक्ता डॉण् पीयूष कुमार ए प्राध्यापक एशासकीय बद्री प्रसाद कला एवाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय आरंग थे। हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉण् अभिनेष सुराना ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ी का गद्य साहित्य अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति परम्परा रीति रिवाज परिलक्षित होती है छत्तीसगढ़ी साहित्य में छत्तीसगढ़ की माटी की सौंधी सुगंध है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉण् पीयूष कुमार ने श् छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्यश् विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी गद्य जीवंत है वह हमारे ह्रदय से जुड़ा हुआ है इसलिए छत्तीसगढ़ी के साहित्यकार गद्य के माध्यम से लोगों में चेतना जागृत करते हैं । छत्तीसगढ़ का इतिहास समृद्ध है इस पर हमें गर्व करना चाहिए। छत्तीसगढ़ी के नवीन साहित्यकारों के पास विषय की बहुलता है जिसके माध्यम से वे अपनी भावना को अभिव्यक्त कर छत्तीसगढ़ी साहित्य संसार को समृद्ध कर सकते हैं।कल्याण महाविद्यालय भिलाई के प्राध्यापक अंजन कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ी गद्य में छत्तीसगढ़ की अस्मिता को पहचान मिलती है साथ ही गांव का जनजीवन दिग्दर्शित होता है ।
उक्त कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉण्रजनीश उमरे एडॉण्ओमकुमारी देवांगनए डॉण् रमणी चंद्राकरए शोधार्थी अतुल केसरवानीए टेकलाल निरालाए कपिलएबेलमती पटेलए निर्मला पटेलए लक्ष्मीन तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉण् लता गोस्वामी ने तथा आभार प्रदर्शन डॉण्शारदा सिंह ने किया।