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आधुनिक अव्यवस्थित जीवन शैली ही समस्त विसंगतियों का कारण है। हमें अपने लाईफ स्टाइल के तरीकों को प्रकृति के नजदीक लाकर सुव्यवस्थित जीवन शैली अपनानी होगी। यह निष्कर्ष आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में छत्तीसगढ़ कौंसिल आॅफ साईंस एण्ड टेक्नालाॅजी रायपुर तथा दुर्ग विश्वविद्यालय दुर्ग के तत्वावधान में महाविद्यालय के रसायन एवं बायोटेक्नालाॅजी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय सिम्पोजिया के द्वितीय एवं अंतिम दिन शोधकर्ताओं तथा स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं द्वारा मौखिक प्रस्तुति एवं पोस्टर प्रतियोगिता के दौरान सामने आया। इस दो दिवसीय सिम्पोजिया में दुर्ग जिले के 6 महाविद्यालयों के 318 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। समापन समारोह में विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए दुर्ग विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डाॅ. एस.के. त्रिपाठी ने आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को हमेशा सजग रहकर चिंतन करते रहना चाहिए। हर अटपटे प्रश्न से ही महत्वपूर्ण अविष्कार हुए है। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. एस.के. राजपूत ने शोधार्थियों एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं की मौखिक प्रस्तुति एवं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत माॅडल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों को अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है। राजकीय शोक के कारण समापन समारोह अत्यंत सादे रूप में आयोजित हुआ प्रातः 11.00 बजे समस्त प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने 2 मिनट का मौन रखकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजली अर्पित की ।