साईंस कालेज, दुर्ग में भूगर्भषास्त्र एवं भूगोल विभाग द्वारा 7 दिवसीय कार्यषाला का उद्घाटन
प्रष्न पूछना अच्छे विद्यार्थी का परिचायक - प्रषांत कविष्वर
प्रष्न पूछना अच्छे विद्यार्थी का परिचायक है, जब तक हम प्रष्न पूछकर अपनी जिज्ञासा का समाधान नही करेगंे तब तक किसी भी विद्यार्थी का विकास संभव नही है। ये उद्गार छत्तीसगढ़ कौसिंल आॅफ साईंस एण्ड टेक्नालाॅजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री प्रषांत कविष्वर ने आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में व्यक्त किये। श्री कविष्वर आज महाविद्यालय के भूगोल एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस पर आयोजित सात दिवसीय कार्यषाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। महाविद्यालय स्वामी विवेकानंद आॅडियो विजुअल हाॅल में आयोजित इस कार्यषाला में श्री कविष्वर ने सैध्दांतिक एवं प्रायोगिक दोनों प्रकार का प्रषिक्षण बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों को दिया। हवाई छायाचित्र एवं सेटेलाइट इमेजरी के मध्य अंतर स्पष्ट करते हुये, उन्होंने बताया कि हवाई छायाचित्र डायरेक्ट फोटोग्राफ होता है, जबकि सेटेलाईट इमेजरी में पृथ्वी की सतह पर उपस्थित विभिन्न आॅब्जेक्ट द्वारा सूर्य के परावर्तित प्रकाष के आधार पर इमेजरी तैयार की जाती है। श्री कविष्वर के व्याख्यान के दौरान अनेक छात्र-छात्राओं ने प्रष्न पूछे जिनका श्री कविष्वर ने समाधान किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कार्यषाला को विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताते हुये कहा कि कार्यषाला में ऐसे विषयों का समावेष किया गया है, जिनसे एम.ए. एवं एम.एससी के छात्र-छात्राओं को अपने पाठ्यक्रम को समझने में मदद मिलेगी। डाॅ. सिंह ने अन्य विभागों से भी इस प्रकार के सारगर्भित आयोजन करने का आग्रह किया। सरस्वती पूजन के साथ आंरभ हुये इस कार्यषाला के उद्घाटन सत्र में भूविज्ञान के सहायक प्राध्यापक डाॅ. प्रषांत श्रीवास्तव ने कार्यषाला के महत्व एवं उसमें विचार किये जाने वाले बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी। भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. अनिल कुमार मिश्रा ने अपने स्वागत भाषण में भूविज्ञान एवं भूगोल को पूरक विषय बताते हुये कहा कि इस कार्यषाला से विद्यार्थियों को सैध्दांतिक एवं प्रायोगिक प्रषिक्षण प्राप्त होगा, इसका सीधा लाभ उन्हें आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं में प्राप्त होगा। कार्यषाला में भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री प्रषांत दुबे समस्त अतिथि प्राध्यापक एवं भूविज्ञान विभाग के अतिथि प्राध्यापक डाॅ. विकास स्वर्णकार एवं इन्द्रजीत साकेत सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।