शोध कार्य का उद्देश्य सदैव सामाजिक हित में हो - प्रो. चौधरी

 
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शोध कार्य का उद्देश्य सदैव सामाजिक हित में हो इस बात का प्रत्येक शोधार्थी को ध्यान रखना चाहिए। ये उद्गार बरकत उल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के समाजशास्त्र के प्राध्यापक डाॅ. एस.एन. चैधरी ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में व्यक्त किये। डाॅ. चैधरी आज महाविद्यालय के समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं इतिहास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 3 दिवसीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। शोध प्राविधि विषय पर आधारित इस कार्यशाला में विभिन्न प्रदेशों के लगभग 100 शोध छात्र-छात्रायें हिस्सा ले रहे है। महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों को संबोधित करते हुए डाॅ. चैधरी ने कहा कि शोध का चयन तथा पध्दति महत्वपूर्ण होती है। वर्तमान को संवारने में इतिहास की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्तमान समय में इतिहास के कुछ अंशों की पुर्नलेखन की आवश्यकता है। शोध कर्ताओं को सामाजिक समस्याओं के वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण का प्रयास करना चाहिए। आज भी हमारे शोध कार्यों में विदेशी प्रणाली का स्पष्ट प्रभाव झलकता है। शोध करने के साथ-साथ प्राप्त होने वाले आंकड़ों का सही ढंग से प्रस्तुतिकरण शोध कार्य का सबसे प्रमुख अंग है। आदिवासी समाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर शोध कर वास्तविक स्थिति को समाज के समक्ष उचित ढंग से लाये जाने की आवश्यकता है।