साइंस कालेज, दुर्ग में मनाया गया वीर बाल दिवस

 
साइंस कालेज, दुर्ग में मनाया गया वीर बाल दिवस

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यकम सिख धर्म के दसवें गुरु गुरुगोविन्द सिंह के पुत्रों बाबा जोरावर सिंह जी बाबा फतेहसिंह जी, बाबा अजीत सिंह एवं बाबा जुझार सिंह के बलिदान दिवस की स्मृति में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर एच पी सिंह सलूजा के वक्तव्य से हुआ। डॉ सलूजा ने सिख धर्म की परंपरा बलिदान एवं त्याग की रही है। उन्होंने  सिख गुरु तेगबहादुर एवं अन्य गुरूओं की शहादत की महान परंपरा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

स्वशासी परीक्षा नियंत्रक एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. जगजीत कौर सलूजा ने कहा कि हम आज वीर बालको की शहादत को स्मरण करने एवं और अध्दांजलि देने के लिए यहां एकत्रित हुये है। इन वीर बालकों ने अपनी छोटी उम्र की परवाह न करते हुये प्रताडनाओं से भयभीत न होते हुए धर्म की रक्षा हेतु अपना बलिदान दिया। राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शकील हुसैन ने अपने संबोधन में वीर बाल दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें उनकी शहादत से यह शिक्षा लेनी चाहिए कि अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए सदैव तत्पर रहे। उन्होंने बताया कि सच्चाई के लिए वीर बालकों ने यह शहादत दी थी।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.ए. सिद्दीकी ने कहा कि सब का मतलब कायरता नहीं वीरता होती है। वीर बालकों का अदमय साहस पूजनीय है। 

कार्यक्रम का संचालन इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति धारकर ने किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. राकेश तिवारी ने वीर बालकों को श्रध्दांजलि अर्पित करते हुए अपनी बात रखी तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्राध्यापकों,  अधिकारी ,कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के प्रति धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक बड़ी संख्या में उपस्थित थे जिनमें आईक्यूएसी संयोजक एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. ए.के. खान, डॉ. उपमा श्रीवास्तव, डॉ. अनिल श्रीवास्तव, डॉ. सोमाली गुप्ता, डॉ तरलोचन कौर, डॉ. बलजीत कौर, डॉ. आर.एस सिंह, डॉ अनिल मिश्रा, डॉ मर्सी जॉर्ज, डॉ.ज्योति धारकर,डॉ. श्रीनिवास देशमुख, डॉ. सतीश सेन, डॉ. अभिषेक मिश्रा एवं एन.एस.एस. कार्यकम अधिकारी, प्रो. जनेन्द्र कुमार दीवान प्रमुख थे।