अच्छा सोचोगे तो अच्छा ही होगा मनुष्य की सकारात्मक सोच उनसे संबंधित सूक्ष्मजीवों की अभिक्रिया निर्धारित करती है।

 
अच्छा सोचोगे तो अच्छा ही होगा
मनुष्य की सकारात्मक सोच उनसे संबंधित सूक्ष्मजीवों की अभिक्रिया निर्धारित करती है।

पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीवों का 60 प्रतिषत हिस्सा सूक्ष्मजीवों द्वारा निर्धारित होता है जो अन्य समस्त जीव जगत के क्रियाकलपों को नियंत्रित करते हैं। यह बातें शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में विभागीय परिषद श्माइक्रोपियाश् के उद्घाटन अवसर पर पंडित रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय के जैविकीय विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. ए.के. गुप्ता ने कही। प्रो. गुप्ता के सूक्ष्मजीव विज्ञान के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान समय में सूक्ष्मजीव विज्ञान का अध्ययन और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है एवं इसे हम अन्य जीव विज्ञान विषयों का ताज कह सकते है। अपने वक्तव्य में उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि विषय के इतिहास को समझ कर वर्तमान समय में विकसति एवं एकीकृति अनुसंधान की ओर अग्रसर होने की आवष्यकता है। साथ ही विषय को समाज से जोड़ने एवं सामुदायिक विकास की प्रक्रिया में आगे लाने की अपेक्षा है। कोविड -19 के उदाहरण को समझाते हुए उन्होंने बताया कि एक छोटे से वायरस ने पूरे विष्व में इस बात को समझा दिया है कि मानवीय शक्ति की सीमा इन सूक्ष्मजीवों द्वारा प्रतिबंधित अथवा नियंत्रित हो सकती है। मनुष्य के साथ-साथ पेड-पौधों का भी आहार-विहार एवं स्वभाव इन सूक्ष्मजीवों द्वारा विनियमित होता है जो उनके स्वभाव एवं व्यवहार में परिलक्षित होता है। नकारात्मकता से लिये गये निर्णय अथवा व्यवहार हमेषा रोगों को आमंत्रित करते है एवं दुष्परिणामों की ओर अग्रसर होते है। 
कार्यक्रम के आरंभ में विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रज्ञा कुलकर्णी ने विभाग की प्रगति प्रेतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में परिषद के पदाधिकारियों के रूप में कु. मानसी श्रीवास्तव, अध्यक्ष, कु. माधवी साहू,उपाध्यक्ष, कु. भवनवी देषमुख, सचिव एवं अभिनव रंगा सहसचिव के रूप में मनोनीत किये गये। प्रभारी प्राध्यापक श्रीमती नीतू दास ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर विभाग के अन्य प्राध्यापक श्रीमती रेखा गुप्ता एवं मृणालिनी सोनी उपस्थित थे।