आने वाला समय मटेरियल साईंस का होगा - डाॅ. तापस माजी

 
आने वाला समय मटेरियल साईंस का होगा - डाॅ. तापस माजी 

शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के राधाकृष्णन हाॅल में जवाहर लाल नेहरू सेंटर फाॅर एडवाॅडस साइंटिफिक रिसर्च, बंगलुरू के डाॅ. तापस कुमार माजी का विषेष व्याख्यान आयोजित किया गया। सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. एम.ए. सिद्दीकी ने महाविद्यालय में उनका स्वागत किया तथा उन्हें महाविद्यालय में उपलब्ध संसाधनों एवं महाविद्यालय की उपलब्धियों से अवगत कराया साथ ही प्राचार्य महोदय ने कहा कि इस प्रकार के राष्ट्रीय स्तर के व्याख्यान से विद्यार्थियों को निःसंदेह लाभ मिलेगा और अधिक से अधिक विद्यार्थी विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान करेंगे। महाविद्यालय की उपलब्धियों पर डाॅ. माजी ने हर्ष व्यक्त किया तथा इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित करने में अपनी प्रसन्नता जाहिर की। 
भारत सरकार द्वारा शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित डाॅ. माजी ने श्डपउपापदह चीवजवेलदमजीमेपे इल निदबजपवद व िउमजंस वतहंदप्र तिंउमूवतोश् विषय पर अपना व्याख्यान दिया। व्याख्यान के पूर्व डाॅ. सुनीता बी मैथ्यू ने डाॅ. माजी का संक्षिप्त परिचय दिया। डाॅ. माजी ने फोटो सिन्थेसिस से उत्पन्न होने वाले कार्बन डाई आक्साइड को विभिन्न मटेरियल्स का उपयोग करके इसे अन्य प्रोड्क्ट्स में परिवर्तित कर ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की दिषा में किए गए अपने कार्यों को समझाया।  उन्होंने चीवजवेलदमजीमेपे के थाइलेकाॅइड मेम्बरेन माॅडल को अत्यंत गहनता से समझाया एवं पर्यावरण में कार्बन डाॅय आक्साइड को कम करने, स्थरीकरण तथा रिडक्षन रियेक्षन को बहुत ही आसान शब्दों में समझाया। डाॅ. माजी के व्याख्यान का मुख्य उद्देष्य महाविद्यालय के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक रूचि उत्पन्न करना था, जिससे युवा मस्तिष्क को वैज्ञानिक शोध की दिषा में अधिकतम उपयोग किया जा सके। उन्होंने व्याख्यान के पश्चात् अपने संस्थान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी एवं वहां चलाये जा रहे, विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया जिससे महाविद्यालय के विद्यार्थी जवाहर लाल नेहरू सेंटर फाॅर एडवाॅडस साइंटिफिक रिसर्च, बंगलुरू में जाकर एडवांस रिसर्च की दिषा में कार्य करने हेतु मार्गदर्षन ले सकें। 
इस कार्यक्रम में डाॅ. जगजीत कौर सलूजा, डाॅ. अनुपमा अस्थाना, डाॅ. अनिल कुमार,     डाॅ. प्रज्ञा कुलकर्णी, डाॅ. उषा साहू, एवं अन्य प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक तथा सभी विज्ञान विभागों के स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन    डाॅ. अनिल कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. कुसुमांजलि देषमुख ने दिया।