भारतीय अर्थव्यवस्था के समावेषी विकास की समस्याए एवं संभावनायें

 
भारतीय अर्थव्यवस्था के समावेषी विकास की समस्याए एवं संभावनायें
दिनांक 13/09/2023 को षासकीय विष्वनाथ यादव तामस्कर स्वषासी महाविद्यालय दुर्ग के अर्थषास्त्र विभाग द्वारा व्याख्यान माला का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप डॉ. हरिसिंह गौर विष्वविद्यालय सागर अर्थषास्त्र विभाग के सेवानिवृत प्राध्यापक डॉ. केवल चन्द जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज समाज का हर व्यक्ति स्वार्थी होता जा रहा है। अपने जिनी स्वार्थो की पूर्ति हेतु आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर घुसपैठ कर लिया है, एक तरफ व्यक्ति चांद पर जा रहा है, वहीं दूसरी समाज में बेरोजगारी एवं भुखमतरी बढ़ती जा रही है। हम समाज को महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाना चाहते हैं। हमारी ओर से यह भावना बनी रहती है, कि हमारी प्रगति हो, हमें ऐसी नीति बनानी चाहिये जिससें समाज का सर्वांगीर्ण विकास हो। जब प्रदूषण को कम करने की बात करते है तो हम लकड़हारों को पकड़ते है, हम उन लोगो पर हाथ नहीं लगाते जो माफिया के रूप में कोई व्यक्ति हो या कोई देष हो। हमारे देष में कहीं न कहीं यह भाव है कि अन्य देषों की भांति हमारा भी विकास हो। आज समाज में आय की असमानता तेजी से बढ़ रही है। आज देष में 100 अमीरों के पास लगभग 13 लाख करोड़ आय है दूसरी तरफ गरीब लोग दम तोड़ रहे हैं। देष का युवा उच्च सस्थानों में पढ़ाई करता है और ऊंची महात्वाकांक्षा के कारण विदेषों मंे बस जाता है। अबतक लगभग 14 लाख लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके है। हमारा अर्थषास्त्री के रूप में यह सोच है कि लोग कार्य करें और सम्मान जनक जीवन जीये।
पंण्डित रविषंकर षुक्त विष्व विद्यालय के अर्थषास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रविन्द्र ब्रम्हे ने वैष्विक चुनौतियों पर प्रकाष डालते हुये कहा कि आज दुनिया का हर देष परेषान नजर आ रहा है। आज विष्व में हिन्दुस्तान की आबादी नंबर एक पर है। विष्व में सबसे ज्यादा युवा भारत में हैं। हमारी जी.डी.पी. 6ः की दर से आगे बढ़ रही है जो बहुत अच्छी बात है। आज षिक्षा में परिवर्तन का लक्ष्य रखा गया है जो 2030 तक सम्पूर्ण भारत में लागू हो जायेगा। हमने देष में हर क्षेत्र में सुविधाए बढ़ाने की कोषिस की है। आज हम विष्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की तैयारी में हैं। हम सभी वर्ग को सभी सुविधायें उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। हमने मनरेगा जैसी योजनाए चलाई जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। देष के 27ःयुवाओं में क्षमता है जो अपने देष के विकास में अहम भूमिका निभा सके। आज हमारी जरूरत यह है कि हम लोकल मार्केट से ग्लोबल मार्केट की जरूरतो को पूरा कर सकें। जी-20 के महत्व पर प्रकाष डालते हुवे उन्होने कहा कि जब-जब समस्याऐं आई तब तब ऐसे संगठन बने। 
अतः में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एन. सिंह ने विष्व स्तर पर बढ़ती अस्थिरता पर चिंता व्यक्त की तथा इसे दूर करने में जी-20 की भूमिका की सराहना की। अर्थषास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. षिखा अग्रवाल ने सभी अतिर्थियों का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. के. पद्मावती ने किया तथा आभार प्रदर्षन डॉ. अंषुमाला चन्दनगर ने किया। इस अवसर पर विभाग के डॉ. ए.के. खान, डॉ. एल.के. भारती एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।