साइंस कालेज दुर्ग में तनाव प्रबंधन पर व्याख्यान

 
"
शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा तनाव प्रबंधन पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। डाॅ. उषाकिरण अग्रवाल, प्राध्यापक शासकीय डी.बी. महिला महाविद्यालय, रायपुर व्याख्या की मुख्य वक्ता थी। डाॅ. उषाकिरण ने तनाव की व्याख्या करते हुए तनाव के दो रूप बताये। धनात्मक तनाव एवं ऋणात्मक तनाव। उन्होंने कहा कि धनात्मक एवं ऋणात्मक तनाव के बीच एक बहुत पतली लकीर होती है। ऋणात्मक तनाव व्यक्ति के लिए घातक होता है, परंतु धनात्मक तनाव व्यक्ति को कार्य करने की अभिप्रेरणा प्रदान करता। उन्होंने कहा कि तनाव से डरने की बजाए तनाव का सामना करना सीखे। इसके लिए जरूरी है कि हर चुनौतियों का सामना करें। चुनौतियाॅं व्यक्ति को परिपक्व बनाती है। उन्होंने यह भी कहा अपने आप को वैसा ही देखे जैसा आप है। अपनी योग्यता एवं क्षमता को पहचान कर ही कोई कार्य करना चाहिए। आपके अन्दर जो शक्तियाॅं उसे पहचानिएॅं। हसिये, मुस्कुराइऐं और दूसरो को खुश करने के बजाए अपने आपको खुश रखने की कोशिश करें। व्याख्यान के दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ विचारों का आदान-प्रदान करते हुए तनाव कम करने हेतु योग अभ्यास भी कराएं।