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छत्तीसगढ़ के ग्रामीण एवं शहरी अंचल के विद्यार्थियों ने प्रतिभा का विशाल भंडार है। हमने कभी यह कल्पना नही की थी कि छत्तीसगढ़ अंचल के सुदूर अंचलों के विद्यार्थी इतने स्तरीय प्रश्न पूछेंगे ये उद्गार आज शासकीय शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में चल रहे पांच दिवसीय इंस्पायर इंटर्नशिप कैम्प के तीसरे दिन आमंत्रित व्याख्यान देने आये विशेषज्ञों ने व्यक्त किये। आज प्रथम व्याख्यान गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के डॉ. किशोर चिखलिया का हुआ, जिसमें उन्होंने विटामिन के जैव रासायनिक अभिक्रिया के बारे में विस्तार से उपस्थित प्रतिभागियों को जानकारी दी। श्री चिखलिया ने विद्यार्थियों को विटामिन के वर्गीकरण, विशेषता एवं उसकी विलय शीलता पर भी गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हमारे दैनिक जीवन में विटामिन का अत्यंत महत्व है। सूर्य के प्रकाश से मिलने वाले विटामिन डी प्रत्येक मनृष्य के लिए आवश्यक है। विटामिन के कमी से होने वाले रोगों एवं उनसे बचने के उपायों की जानकारी भी डॉ. चिखलिया ने दी। ग्रीन केमेस्ट्री की उपयोगिता एवं दैनिक जीवन में उसके महत्व का विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से डॉ. चिखलिया ने वर्णन किया। एचआईवी वायरस का लाइफ सायकल तथा औषधीय निर्माण में विटामिन की भूमिका के विश्लेषण पर विद्यार्थियों ने अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा का समाधान किया।