इंस्पायर प्रोग्राम का दूसरा दिन - भारतीय प्राचीन अवधारणायें ही वर्तमान विदेषी वैज्ञानिक शोध कार्यों का आधार - डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह

 
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भारतीय प्राचीन अवधारणायें ही वर्तमान विदेषी वैज्ञानिक शोध कार्यों का आधार है। भारतवर्ष में प्राचीन ग्रंथों जैसे महाभारत, रामायण आदि में उल्लेखित पुष्पक विमान तथा संजय द्वारा धृतराष्ट्र को महाभारत का सम्पूर्ण चित्रण वर्तमान समय की वायुयान एवं टेलीविजन के आविष्कार के मूल आधार है। हम भारतीयों ने अपनी भारतवर्ष की प्राचीन अवधारणाओं को महत्व न देकर सदैव विदेषी शोध एवं उनके प्रयोगों को महत्व दिया है। हमें इस भावना से उपर उठकर प्राचीन भारतीय सिध्दांतों का नवीनीकरण वर्तमान समय की मांग के अनुसार करने का प्रयास करना चाहिए। किसी भी अन्य विदेषी ग्रंथों में सूर्य से पृथ्वी की दूरी, काल की गणना तथा चरक संहिता जैसे औषधीय विष्लेषण का उल्लेख नही मिलता। ये उद्गार आईआईटी रूढ़की के डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह ने आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में 3-7 जनवरी तक आयोजित 5 दिवसीय डीएसटी इंस्पायर साईंस इंटर्नषिप कैम्प के दूसरे दिन व्यक्त किये। डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह ने माइक्रोवेब विकिरण की तीव्रता द्वारा हमारे शरीर पर कम से कम नुकसान होने तथा विकिरण की तीव्रता से बचाव के उपाय से संबंधित विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को दी। उन्होंने बताया कि मोबाईल से बात करते समय हमें अपने कानों से लगभग 4 से 5 सेंटीमीटर मोबाईल दूर रखना चाहिए साथ ही नेटवर्क अथवा बैटरी कमजोर होने के दौरान हमेें बातचीत करने से बचना चाहिए क्योंकि इस समय मोबाईल से सर्वाधिक विकिरण उत्सर्जित होता है।