संदीप्ति एवं उसकी उपयोगिता पर आमंत्रित व्याख्यान - वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहन देने से ही देष की तरक्की संभव

 
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आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में आई क्यू ए सी तथा  भौतिकषास्त्र विभाग द्वारा आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें बी. आई. टी. रायपुर से आये हुए डाॅ. विकास दुबे ने विषेषज्ञ के तौर पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का सचांलन करते हुए एम. एस. सी. तृतीय सेमेस्टर भौतिक शास्त्र की प्रतिक्षा तिवारी ने डाॅ. विकास दुबे का संक्षिप्त परिचय दिया। डाॅ. विकास दुबे ने विद्यार्थियों को लूमिनिसेन्स आधारभूत तथा इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। लूमिनिसेन्स (संदीप्ति) किसी पदार्थ द्वारा प्रकाष का सहज उत्सर्जन होता है जो गर्मी से उत्पन्न नही होता है। उन्होने लूमिनिसेन्स के प्रकार तथा इसकी चारों पीढ़ियों के बारे में बताया, प्रथम पीढी में लालटेन तथा केरोसीन से जलने वाले ढ़िबरीयों, द्वितीय पीढी में विद्युत बल्व, तृतीय पीढी में सी. एफ. एल तथा चतुर्थ पीढी में एल ई डी/ओ एल ई डी के बारे में बताया तथा साथ में यह कहा की हर पीढी के साथ प्रदूषण कम होता गया। उन्होने लूमिनिसेन्स पर हुए कुछ नवीनतम् शोध को तथा एल ई डी की लागत कैसे कम की जा सकती है इस बारे में विद्यार्थियों से चर्चा की।