पंचायती राज व्यवस्था ,एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अन्तर्गत शक्ति का विकेन्द्रीकरण किया जाता है तथा सत्ता तथा प्रशासनिक शक्तियों को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है। शक्ति का विकेन्द्रीकरण किया जाता है ताकि विकास योजनाओं को राष्ट्र के प्रत्येक क्षेत्र में क्रियान्वित किया जा सके। पंचायती राज व्यवस्था 73 वें संविधान संशोधन के द्वारा बनाई गई है। स्थानीय स्तर पर शासन के रूप में एक विभाजन होता है। पंचायती राज प्रणाली देश में मूल लोकतांत्रिक संस्थानों के प्रयोजन एवं विकास में एक महत्वपूर्ण स्थान है। पंचायती राज प्रणाली प्रतिनिधि लोकतंत्र को एक सहभागी लोकतंत्र में बदल देता है। पंचायती राज मंत्रालय द्वारा हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 73 वें संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति का लहजा मिला था। इसने भारत में पंचायती राज संस्थान को संवैधानिक समर्थन दिया।
कुंजी शब्द: विकेन्द्रीकरण, योजनाओं, संविधान संशोधन, प्रतिनिधि लोकतंत्र, पंचायती राज।