सामाजिक गतिशीलता लोकतंत्र और आतंकवाद

डॉ. नीता वाजपेयी

निर्वाचनिय बहुलतंत्र - ELECTIVEPOLICHRACY

शास्त्रीय रूप में लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति को वास्तविक रुप प्रदान करता है। किंतु समसामयिक विश्व जन पुंज समाजों का विश्व है। इसमें इस शास्त्रीय उक्ति के लिये अधिक स्थान नहीं है कि लोकतंत्र जनता का जनता के लिये जनता द्वारा शासन है। अभिजन वादियों और नव उदार वादियों ने लोकतंत्र का अधिक व्यवहारिक रुप प्रस्तुत किया है। आज का प्रजातंत्र राजनैतिक निर्णय निर्माण शक्ति को जनता के मतों द्वारा प्रतियोगिता पूर्ण तरीके से प्राप्त करने का संस्थागत प्रयास है। वस्तुतः राजनीति सत्ता के लिये संघर्ष है और लोकतंत्र की यह विशेषता है कि वह सत्तात्मक प्रतियोगिता हेतु खुला मंच प्रदान करता है एवं निर्वाचनिय बहुलतंत्र - ELECTIVEPOLICHRACY  बन जाता है जिसमें व्यक्तिगत और सामूहिक हित संघर्ष में प्रभावशीलता प्राप्त करने का प्रयत्न किया जाता है। सार्वजनिक कल्याण जैसे नारे वास्तव में मतों को आकर्षित करने के तरीके मात्र है जिनका हित संघर्ष से कोई लेना देना नहीं है। 

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How to cite this article:
वाजपेयी एन . (2023) : सामाजिक गतिशीलता लोकतंत्र और आतंकवाद Research Expression 6:9 p. 29-35