माओवाद की असफलता साम्यवाद से पूंजीवाद तक

डाॅ. शकील हुसैन

माओवाद बीसवीं शताब्दी में सर्वाधिक उथल-पुथल मचाने वाला दर्शन है । लैटिन अमेरिका अफ्रीका एशिया के अनेक विकासशील देशों में माओवादी दर्शन ने राजनीतिक हिंसा को एक नया आयाम दिया है , हिंसा को महिमा मण्डित किया है । तीसरी दुनिया के अनेक देशों में माओवादी हिंसा राज्य के विरुद्ध एक गंभीर खतरे के रूप में उपस्थित हुई है । प्रस्तुत शोधपत्र  यह विश्लेषण करने  का प्रयत्न करता है कि माओवादी दर्शन में वे  कौन से तत्व हैं जो राजनीतिक हिंसा के प्रति लोगों को आकर्षित करते हैं । चीन में साम्यवादी क्रांति के बाद से माओ की मृत्यु तक माओवाद की क्या सफलताएं और असफलताएं रहीं है । माओवाद क्या चीन का कोई हित कर सका है ? इन सब प्रश्नों के विश्लेषण के लिए चीन में क्रांति से लेकर मौत की मृत्यु तक माओ के द्वारा किए गए कार्य का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकालने की प्रयत्न किए गए हैं ।

प्रमुख शब्दावली: माओ, चीन, क्रांति, डैनवेई, साम्यवाद , सौ फूल, लम्बी छलांग ।  

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How to cite this article:
हुसैन एस. (2023) : माओवाद की असफलता साम्यवाद से पूंजीवाद तक Research Expression 6:9 p. 19-28