हिंदी माध्यम शिक्षा में नवाचार की आवश्यकता : एक मूल्यांकन

हेमलता बोरकर वासनिक - समाजशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)

भारत में शिक्षा प्रदान करने का माध्यम मुख्य रूप से हिन्दी है। विशेष रूप से हिन्दी भाषी क्षेत्रों में अंग्रेजी को लेकर विद्यार्थियों में ज्ञानार्जन के प्रति सीखने की क्षमता में कमी दिखाई देती है। इसका मुख्य कारण शिक्षा के क्षेत्र में प्रदत्त जानकारी का हिन्दी भाषा में उपलब्ध होना है। ग्रामीण अंचलों में अंग्रेजी भाषा में सीखने की बात बहुत दूर है क्योंकि वहाँ शिक्षा और पाठ्य सामग्री हिन्दी में ज्यादा उपलब्ध है। शिक्षक भी भाषा को लेकर कहीं न कहीं अपने दायरे में कैद होते हैं। जिससे अंग्रेजी भाषा से उनका परिचय हो नहीं पाता है और यह भाषा भी उन्हें कठिन मालूम होती है। ऐसी स्थिति में आज के परिवेश में यह आवश्यक है कि हिन्दी माध्यम शिक्षा पद्धति में कुछ सुधार हो और कुछ अंग्रेजी भाषा में सरलता और सहजता हो ताकि सुदूर क्षेत्रों में विद्यार्थियों में शिक्षण पद्धति के प्रति जागरूकता पैदा हो। प्रस्तुत शोध पत्र इन्हीं बिन्दुओं पर केन्द्रित है।


Pages 64 - 67 | 111 Views | 131 Downloads
How to cite this article:
वासनिक एच बी . (2016) : हिंदी माध्यम शिक्षा में नवाचार की आवश्यकता : एक मूल्यांकन रिसर्च एक्सप्रेशन 1 : 1 (2016) 64 - 67