भारतीय समाज पर औद्योगिकीकरण का प्रभाव

हेमलता बोरकर वासनिक - समाजशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छग).

समकालीन समाज पर औद्योगिकीकरण का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। एक सर्वेक्षण के अनुसार विश्व के लगभग सभी देशों पर औद्योगिकीकरण का प्रभाव दिखलाई पड़ता है। भारत में 19वीं सदी के आसपास उद्योगों का विस्तार तीव्र गति से हुआ, प्रारंभ में औद्योगिकीकरण ने मानव समाज को रोजगार के साथ अनेक भौतिक संसाधन उपलब्ध कराकर उसके जीवन में कई क्रांतिकारी परिवर्तन लाया। औद्योगिकीकरण ने लोगों के लिए नौकरी एवं आर्थिक सुविधा का विस्तार किया। औद्योगिकीकरण का जहाँ समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा वहीं नकारात्मक प्रभाव भी दिखाई देने लगा है। 21वीं शताब्दी के आसपास लोगों को औद्योगिकीकरण के कई दुष्परिणाम दिखाई देने लगे, जैसे रोजगार मिलने से लोग अपने मूल व्यवसाय से अलग हो गए, पारिवारिक अलगाव, पारिवारिक विघटन, आवास, स्वास्थ्य की समस्या में वृद्धि हो रही है। इस शोध अध्ययन में औद्योगिकीकरण के समाज पर सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव को जानने का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत शोधपत्र प्राथमिक तथ्यों पर आधारित है। अध्ययन हेतु रायपुर नगर के सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र के कुल 2387 परिवार में से (5 प्रतिशत निदर्श के द्वारा ) 120 परिवार का चयन दैव निदर्शन की लाटरी पद्धति के माध्यम से किया गया है।


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How to cite this article:
वासनिक एच बी. (2017) :भारतीय समाज पर औद्योगिकीकरण का प्रभाव. रिसर्च एक्सप्रेशन 2 : 2 & 3 (2017) 23 - 26