'ग्राम विकास में ग्रामीण नेतृत्व की भूमिका ( प्रकार्य): एक समाजशास्त्रीय अध्ययन (बालोद जिले के विशेष संदर्भ में)

डॉ. सपना शर्मा सॉरस्वत' लक्ष्मण कुमार महिलकर - क- सहायक प्राध्यापक (समाजशास्त्र) शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग, (छ.ग.) भारत. ख- शोध छात्र समाजशास्त्र विभाग शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग (छ.ग.), भारत.

 प्रस्तुत शोध पत्र ग्राम विकास में ग्रामीण नेतृत्व की भूमिका ( प्रकार्य): एक समाजशास्त्रीय अध्ययन (बालोद जिले के विशेष संदर्भ में) से संबंधित है। ग्राम पंचायत 29 विषयों पर प्रकार्य कराने के लिए जवाबदेही है, जिसमें समस्त ग्रामीण नेतृत्व को ग्राम विकास हेतु कर्तव्य संपादन के साथ अधिकार प्रदान किया गया है। व्यवस्था में किसी प्रकार की कमी मिलने पर ग्राम पंचायत संबंधित विभाग को कार्यवाही करने के लिए सूचित करता है, जिस पर तत्काल पहल होता है। उक्त व्यवस्था के माध्यम से ग्रामीण नेतृत्व को ग्राम विकास हेतु भागीदार बनाया गया है। प्रस्तुत शोध पत्र में अध्ययनगत क्षेत्र के विकास में ग्रामीण नेतृत्व की भूमिका ( प्रकार्य ) की स्थिति एवं योगदान को ज्ञात किया गया है।


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How to cite this article:
सारस्वत एस एस. & महिलकर एल के. (2019) : 'ग्राम विकास में ग्रामीण नेतृत्व की भूमिका ( प्रकार्य): एक समाजशास्त्रीय अध्ययन (बालोद जिले के विशेष संदर्भ में). रिसर्च एक्सप्रेशन 3 : 4 & 5 (2019) 56 - 63