हिंदी विभाग में शिक्षक अभिभावक विद्यार्थी सम्मेलन संपन्न

 
शासकीय विश्वनाथ यादव तमस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा दिनांक 2 मार्च 2021 को ऑफलाइन/ऑनलाइन शिक्षक अभिभावक - विद्यार्थी सम्मेलन का आयोजन किया गया । इस अवसर पर अभिभावकों तथा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने कहा कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिले इस हेतु संस्था की ओर से हर संभव प्रयास किया जाता है फिर भी यदि कोई कमी हो तो इस संबंध में अभिभावकों एवं विद्यार्थियों से शिक्षकों के मध्य संवाद के लिए यह मंच उपलब्ध है । विद्यार्थी यदि किसी तरह से कोई संकोच महसूस करते हैं तो अभिभावक उनके विचार रख सकते हैं जिससे उसका समाधान किया जा सके। उन्होंने पालकों को कहा कि शिक्षक संस्था में प्रवेश दिला कर अपने कर्तव्य से मुक्त नहीं हो जाना चाहिए बल्कि वे अपने आँख, कान खुला रखकर ध्यान रखें कि जिस उद्देश्य से उन्होंने संस्था में बच्चों का प्रवेश करवाया है बच्चा उसे पूरा कर रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा विभिन्न रोजगार मूलक, डिप्लोमा तथा सटिर्फिकेट पाठ्यक्रम प्रारंभ किए है, साथ ही रोजगार, मार्गदर्शन प्लेसमेंट सेल का गठन किया गया है। सरकारी तथा निजी क्षेत्र में रोजगार संबंधी सूचना एवं साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं, अभिभावक अपने बच्चों को इसमें रुचि लेने के लिए प्रेरित करें।
विभागाध्यक्ष डॉ अभिनेष सुराना ने कहा कि विद्यार्थी अपने विषय संबंधी कक्षाओं के अलावा विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यान सेमिनार एवं अन्य साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधियों में भी हिस्सा लें। साथ ही किसी कार्यक्रम प्रतियोगिता में हिस्सेदारी करते हैं तो वे उसके प्रमाण पत्र विभाग में उपलब्ध कराएं। बैठक में ऑफलाइन तथा ऑनलाइन उपस्थित अभिभावकों तथा विद्यार्थियों ने शिक्षण व्यवस्था तथा महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में संतोष व्यक्त किया तथा बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। विभाग के प्राध्यापक डॉ शंकर निषाद, डॉ बलजीत कौर, डॉ कृष्णा चटर्जी, प्रो थानसिंह वर्मा, डॉ जयप्रकाश साव, डॉ. रजनीश उमरे, डॉ सरिता मिश्रा तथा अभिभावकों में श्रीमती सरोज मोहंती, श्री राम प्रताप कुशवाहा, श्रीमती ममता पांडे, श्रीमती पायल ठाकुर, श्रीमती उषा बघेल, भूपेश, श्रीमती हेमलता, श्रीमती सुखबती चंद्राकर, सोनबरसा बंजारे के साथ तथा एम ए प्रथम व तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी उपस्थित थे। आभार प्रदर्षन डाॅ. शंकर निषाद ने किया।